राम व कृष्ण की भक्ति पर विचार देंखें

 

"श्री राम जी, श्री कृष्ण जी के विषय पर कुछ छोटे सा संदेश समाज के लिए"
 श्री राम जी व श्री कृष्ण जी विष्णु अवतार माने जाते हैं जिनके सभी पुराणों में प्रमाण है , और यह तीन लोक के भगवान भी माने गए हैं, और इनका जन्म इस पृथ्वी पर आकर हुआ और मृत्यु भी हुई है, आपको बता दें कि भगवान विष्णु की महिमा का बखान पुराणों और शास्त्रों में मिलता है, 
 "भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा, भगवान शंकर का जन्म और मृत्यु होता है"
भगवान विष्णु पूर्ण भगवान नहीं है? यह भी किसी दूसरे प्रभु का सहारा लेते हैं वह भगवान कौन है?
1-भगवान विष्णु अवतार श्री रामचंद्र जी त्रेता युग में आए श्री राम जी अपने जीवन अवधि में कितने दुख महसूस किए यह भी आप शास्त्रों में पढ़ कर देख चुके हैं।
2- भगवान विष्णु अवतार श्री कृष्ण जी द्वापर युग में आए और उन्होंने अपने जीवन काल में कितने दुख को महसूस किया यह भी आप शास्त्रों में पढ़ चुके हैं।
 अब बात करते हैं कि जो भी एक वर्ष में जन्माष्टमी रामनवमी पर्व मनाया जाता है उससे हमें क्या लाभ और हानि होती है?
  राम प्रभु, श्री कृष्ण यह तीन लोक के भगवान माने गए हैं, जो कि विष्णु अवतार ही हैं, और विष्णु जी तीन लोक भगवान माने गए हैं "
श्री राम जी का पूरा बखान रामचरितमानस में मिलता है रामचरितमानस वाल्मीकि द्वारा लिखी गई जिसका मतलब तुलसीदास जी ने किया,
 श्री राम अयोध्या के राजा थे, श्री राम के जन्म से लेकर अंत तक पूरी कहानी रामायण में मिलती है और रामायण में संतों का ही बखान किया गया है,)
"एक कथा काग भूषंड की आती है"
 "काग भूषंड को परमात्मा कबीर जी सतलोक से आकर मिले थे" 
 "रामायण में नल और नील का जिक्र आता है नल और नील कबीर परमात्मा के शिष्य थे"
वाणी 👇👇
 राम कृष्ण से कौन बड़ा उन्होंने गुरु किन्हा।
 तीन लोक के वह धनी गुरु आगे मध्यना ।। 
रामनवमी, जन्माष्टमी या कोई त्यौहार जो करते हैं, तो किसी देव महापुरुष का जिक्र आता है, और पूजा - साधना का विवरण दिया जाता है, और इन भगवान की मूर्ति रखने कर उस पर क्रिया की जाती है।
 लेकिन शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि संतो के द्वारा भक्ति मार्ग जो ग्रहण करते हैं उससे मोक्ष का रास्ता मिलता है, और यह रास्ता प्रभु की तरफ ले जाता है, जैसे भक्त प्रहलाद, भक्त मीराबाई, गुरु नानक अन्य महापुरुष ने किया था। था, और भी। बहुत से महापुरुष हैं, जो प्रभु से मिले थे। 
वह प्रमुख संत कौन है? जो मोक्ष मार्ग भी सुख और शांति देता है।
बाल्मीकि रामायण पढ़कर हमने लाखों जन्म गवा दिए,
 श्रीमद्भागवत पढ़कर हमने लाखों जन्म गवा दिए, लेकिन आपने क्या सोचा कि जिस रास्ते पर हम चले हैं वह रास्ता सत्य है या असत्य?
👇👇
 आपने क्या कभी सोचा था कि जो मुझे गुरु महात्मा मार्ग दे रहा है यह सत्य या असत्य है?
 क्या तुमने सोचा था कि मुझे यह आदमी जन्म क्यों मिला है?
 आपने क्या सोचा था कि मृत्यु हो जाने के बाद हमें कितने प्रकारों के जन्म और कष्ट मिल सकते हैं?
  आपने क्या सोचा कि हमारे पूर्वज मृत्यु के बाद किस जन्म और योनि में भटक रहे होंगे?
  आपने क्या सोचा था कि जो भी त्यौहार मनाते हैं उससे हमें क्या फायदा मिलता है?
 क्या आपने यह विचार किया कि जो भी हम धन संग्रहित करते हैं यह मृत्यु के बाद हमारे साथ हो जाता है?
 क्या आपने यह भी सोचा कि जो हमारे मित्र हैं, मृत्यु के समय असहनीय पीड़ा होने पर यह मित्र हमारा साथ देते हैं?
 आपने क्या सोचा कि हमारी पत्नी या माता-पिता मृत्यु उपरांत हमारे साथ जाते हैं?
आपने क्या सोचा कि भाई-बहन माता-पिता परिवार के सदस्य सभी अपने हैं?
  क्या आपने यह सोचा है कि जो धन हम परिवार के लिए इकट्ठा करते हैं वह धन हमें कितना सुख देता है?
 क्या यह भी अपने विचार किया कि मंदिर-मस्जिद चर्च गुरुद्वारे जाने से हमें कितना लाभ मिलता है?
क्या आपने यह भी सोचा कि जो हम गुरु बना रहे हैं क्या यह सही है या गलत?
 क्या आप यह भी जानते हैं कि जो भी धर्म हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बने हैं वे सत्य हैं या असत्य हैं?
क्या अपने विचार किया साधना और पूजा में अंतर क्या है?
  क्या मन की इच्छाओं को खत्म किया जा सकता है? 
  नीचे दी लिंक पर इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए नीचे पीडीएफ सूची दी गई पुस्तक को डाउनलोड करें और उसको अध्ययन करिए ☘️
👇👇
 संसार में बहुत से सवालों की ढेर लगा हुआ है और ये ढेर का उत्तर सिर्फ एक संत दे सकता है 
👇
"तत्वदर्शी संत"
 चार वेद का सारांश श्रीमद्भगवद्गीता है, बाइबल, कुरान शरीफ, गुरु ग्रंथ साहिब पुस्तकों में तत्वदर्शी की महिमा का गुणगान किया गया है,
 "इन सभी सवालों के उत्तर आपको सिर्फ आध्यात्मिक तत्वज्ञान से ही मिलेंगे क्योंकि मनुष्य जन्म सिर्फ भक्ति के लिए ही मिला है"
सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग चार युगों में मनुष्य का हमेशा आना जाना लगा रहना और होता भी रहता है, यह गीता में भी स्पष्ट किया है।
  "जन्म और मृत्यु हमें यह इतिहास बताता है कि
इस संसार में जिसकी प्रसिद्धि हुई है उसी का महत्व हुआ है देवता हो या फिर राजा या फिर कोई पदाधिकारी 
 परमात्मा एक है जो आत्मा के साथ में सूक्ष्म रूप में विराजमान रहता है जैसे हवा और गंध
प्रभु कण कण में विराजमान है लेकिन क्या प्रभु को आप जानते हैं कि वह कौन है ?
"कौन किस समय प्रभु आपकी रक्षा करेगा यह जानना भी आवश्यक है"
 भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा, भगवान शंकर यह तीनों भगवान नाशवान है, अर्थात इनका जन्म और मृत्यु होता है दुर्गा जी इनकी माता है, काल ब्रह्म इनका पिता है, जिसका मृत्यु भी होता है।
  अब उस प्रभु की ओर चलते हैं ताकि आपका उद्धार हो जाए और जन्म और मृत्यु समाप्त हो जाए
👇
 चार वेद प्रमाणित करते हैं कि परमात्मा कबीर और जो किसी के पेट से जन्म नहीं लेते हैं, 
चार वेद प्रमाणित चार वेद प्रमाणित किया है कि संसार रचना की रचना कबीर जी ने की और वह सतलोक में हैं,
 इस पृथ्वी पर गति (चलकर) द्वारा तत्वदर्शी संत बन कर आते हैं, और अच्छी आत्मा को ज्ञान दर्शन देते हैं।
👇👇
त्यौहार, जन्मदिवस या फिर कुछ सामाजिक कार्यक्रम मनाने से हमें कुछ लाभ नहीं मिलेगा उल्टा ही नरक भोगना पड़ेगा क्योंकि शास्त्रों में संतो की तरफ ले जाने की ओर कहा है।

🌿 अधिक जानकारी के लिए आप निम्न पुस्तकों की फाइल फ़ाइल डाउनलोड करके जरूर पढ़ें, और मनुष्य जन्म के मूल पाप को समझें लिए
👇👇

Comments

कृपया कमेंट बॉक्स में लिंक ना डालें,

Archive

Contact Form

Send