Makar Sankranti festival is it true worship Sant Rampal Ji book
मकर संक्रांति : 14, 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है
मकर संक्रांति 2024: 15 जनवरी 2024 को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा. इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना जाता है।
सही जानकारी प्राप्त करने के लिए दिए गए फोटो में उदाहरण को समझें
पौष मास में सूर्य उत्तरायण होता है, नक्षत्र मकर राशि में होता है तो इस अवसर को देश के अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग त्योहार जैसे लोहड़ी, अन्य त्योहार, कहीं पोंगल आदि के रूप में मनाया जाता है। हिंद धर्म में मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जिसका धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है।
मकर संक्रांति
सतयुग त्रेता द्वापर युग कलयुग
{(कबीर दास जी महाराज द्वारा)
संत मिलन को चलिए तज माया अभिमान,
जो पग रखे कोटि-कोटि यज्ञ समान।}
गंगा
क्या
कबीर
जाबा
सतयुग
पृथ्वी
यहां सभी आत्माएं शरीर के रूप में निवास करती हैं और सभी के घर और परिवार भी हैं
गंगा-यमुना जैसी नदियाँ यहाँ पर निकलती हैं,
दूध की नदी फलदार वृक्ष बहुत बड़े-बड़े पहाड़ के मालिक मालिक से जुड़े हुए घर बने हुए हैं,
यहां पर
मकर संक्रांति
कबीर साहेब जी की वाणी "
तीर्थ व्रत करे जो,
समझे न सार रहे अज्ञानी।
नमस्ते
मकर
नीचे जो तथ्य दिया गया है यह है कि यह नकली गुरुओ का मनगढ़ंत उपदेश है जो पूरी तरह से शास्त्र के विपरीत है
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100 गुना फलादेय दान - पुराणों में मकर संक्रांति को देवताओं का दिन बताया गया है। मान्यता यह है कि इस दिन दान सौ गुना वापस लौट आया है।
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कबीर
नीचे जो तथ्य दिया गया है वह यह है कि यह नकली गुरुओ का मनगढ़ंत उपदेश है जो पूरी तरह से शास्त्र के विपरीत है
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मांगलिक कार्य प्रारंभ - मकर संक्रांति से अच्छे दिनों की शुरुआत होती है, क्योंकि इस दिन मलमास समाप्त हो जाते हैं। इसके बाद से सभी मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, जनेऊ संस्कार आदि शुरू हो गए।
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नीचे जो तथ्य दिया गया है यह नकली गुरुओ का मनगढ़ंत व्याख्या है जो बिल्कुल शास्त्र के विरुद्ध है
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स्वर्ग के द्वार खुलते हैं - धार्मिक सिद्धांत है कि मकर संक्रांति के दिन स्वर्ग का द्वार खुलता है। इस दिन पूजा, पाठ, दान, तीर्थ, नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथा के अनुसार भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वैभव प्राप्त था, लेकिन दक्षिणायन सूर्य होने के कारण बाणों की शय्या पर उत्तरायण आकर मकर संक्रांति पर सूर्य का इंतजार करते हुए उत्तरायण में अपने देह का त्याग कर दिया, ताकि वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो..
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सही दिसा 👇🏾
स्वर्ग में
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 16 शोक 23 और 24 में बताया है कि मनमाना आचरण करने वाला व्यक्ति सिद्धि सुख शांति को प्राप्त नहीं होता है।
पुनरावृति अर्थ में बताया गया है कि मनुष्य का जन्म बार-बार होता है अर्थात मनुष्य की 84 लाख योनियाँ होती हैं जिसके बाद भी जन्म प्राप्त हो सकता है।
पुनरावृति
आवागमन कैसे मिटेगा ?
गंगा जी पृथ्वी पर प्रकट हुईं - माँ गंगा मकर संक्रांति वाले दिन पृथ्वी प्रकट हुईं। गंगा जल से ही राजा भागीरथ के 60,000 पुत्रों को मोक्ष मिला था। इसके बाद गंगा जी कपिल मुनि के आश्रम के बाहर सागर में पर्यटक मिल गये।
(मोक्ष शास्त्र अनुकूल भक्ति करने के बाद मिलता है)
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नीचे जो तथ्य दिया गया है वह यह है कि यह नकली गुरुओ का मनगढ़ंत उपदेश है जो पूरी तरह से शास्त्र के विपरीत है
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मकर संक्रांति वैज्ञानिक महत्व (मकर संक्रांति वैज्ञानिक महत्व)
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क्यों देखते हैं तिल-गुड़ - सूर्य के उत्तरायण हो जाने से प्रकृति में बदलाव शुरू हो जाते हैं। ठंड की वजह से लोगों को सूर्य की तेज रोशनी से राहत मिलती है। हालांकि मकर संक्रांति पर ठंड तेजी से होती है, ऐसे में शरीर को हीट ड्रिंक वाले खाद्य सामग्रियां मिलती हैं। यही कारण है कि मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, मूंगफली खाते हैं ताकि शरीर में गर्मी बनी रहे।
पूर्ण गुरु
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पुराण और विज्ञान दोनों में मकर संक्रांति यानि सूर्य की उत्तरायण स्थिति का अधिक महत्व है। सूर्य के उत्तरायण से रातें छोटी और दिन बड़े होते हैं। कहते हैं उत्तरायण में मनुष्य की प्रगति की ओर अग्रग्रह होता है। अंडकार काम और प्रकाश में वृद्धि का कारण मानव की शक्ति में भी वृद्धि है।
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{(कबीर दास जी महाराज द्वारा)
संत मिलन को बढ़ावा तज माया अभिमान,
जो पग रखे कोटि-कोटि यज्ञ समान।}
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पतंग का वैज्ञानिक महत्व - मकर संक्रांति पतंग का वैज्ञानिक महत्व भी विज्ञान से जुड़ा है। सूर्य का प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक और त्वचा तथा हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसका कारण यह है कि हम कुछ घंटों के लिए सूर्य के प्रकाश में आराम करते हैं, जो कि पशु चिकित्सा प्रदान करता है।
शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित हमारा अन्न और जल
फल फ्रूट दूध इत्यादि शाकाहारी भोजन करने से हमारा शरीर बनता है।
व्यायाम करने से हमारे शरीर की पाचन शक्ति और शरीर की क्रिया सही रहती है
आप
पतंग
वैज्ञानिक
तिल
गंगा पृथ्वी
सूर्य
सूर्य
रात्रि
भजन
लाभ
मुक्ति
सतलोक
अलख लोक
अगम लोक
अनामी लोक
स्वामी रामदेवा नंद जी महाराज
संत रामपाल जी महाराज
कबीर साहेब
संत तुलसीदास
संत गरीब दास जी महाराज
{(कबीर दास जी महाराज द्वारा)
संत मिलन को बढ़ावा ,तज माया अभिमान,
जो पग रखे ,कोटि-कोटि यज्ञ समान।}
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