अयोध्या वासियों ने दीपावली क्यों नहीं मनाया ?
अयोध्या वासियों ने दीपावली क्यों नहीं मनाया ?
आईए जानते हैं भगवान श्री रामचंद्र जी माता सीता लक्ष्मण दशरथ पुत्र राम अयोध्या वासियों ने दीपावली मनाने की परंपरा क्यों छोड़ दी थी।
हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से वीडियो लिंक भेज रहे हैं और यहां पर आपको एक अच्छी सी वीडियो दिवाली अर्थात खुशी अवसर पर दे रहे हैं।
आशा करते हैं कि यह वीडियो आप तो पूरी देखेंगे अपनी
जिंदगी का अवसर भगवान के चरणों में बिताएंगे।
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समांतर हम सृष्टि पर कुछ प्रकाश डालते हैं सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलयुग, इस पृथ्वी पर चार युग होते हैं। लेकिन एक ऐसा आदि सनातन युग भी है जो पांचवा युग कहलाता है,
आदि सनातन युग से आई हुई आत्माएं इस चार युग में आई आत्माएं अपना किया हुआ कर्म भोगने लगी।
आदि सनातन युग का मतलब यह है कि जहां से यह आत्माएं आई वह अपना निजी युग और निजी लोक है, जहां हम रहा करते थे और कोई दुख पीड़ा नहीं थी वहां पर सदा सुख ही सुख रहता है यहां पर पढ़ेंगे सृष्टि रचना जिसका हमने टैग टाइटल भी दिया है
#SrishtiRachna Sant Rampal Ji Maharaj ka video
यहां पर सृष्टि रचना के विषय में पूरी जानकारी भी दी गई है कि आदि परमात्मा का नाम कबीर है जो शास्त्रों में मिलता है।
आप सभी से निवेदन है कि नीचे दी गई विडियो को जरूर देखें।
दिवाली पर नीचे दी गई वीडियो लिंक पर क्लिक करें
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दिवाली का अर्थ होता है खुशी 🪔🪔🤗
दिवाली पर कुछ भगवान के निर्देशों का पालन करें
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दिवाली पर धूम्रपान न करें।
दिवाली पर शराब का सेवन न करें।
दिवाली पर जीव हिंसा न करें।
दिवाली पर ताश जुआ न खेलें।
दिवाली पर अश्लील नाच गाने न करें।
दिवाली पर पराई स्त्री के साथ दुर्व्यवहार न करें।
दिवाली पर अपनी बहन बेटी समझ कर सम्मान करे।
दिवाली पर पटाखे आदि कार्बनडइ ऑक्साइड का प्रयोग न करें।
दिवाली पर किसी की घर पर चोरी किसी का सामान ना उठाएं।
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