Who is Al Khidr

अल-खिदर कौन है? इसे ब्लॉग के द्वार जानतें हैं ।
⚡️🌠🌠
अल्लाह हाय। अल-  खिदर है- 
ओह!
आज हम ब्लाग के द्वारा अल.खिद्र के विषय में चर्चा करते हुए आगे बढ़ते हैं, हम आशा करते हैं कि हमारा मैसेज आपको अच्छा लगता है, वर्तमान समय में आप अल खिद्र के विषय में जान सब जान जाएंगे,
संत गरीबदास ने कहा है कि: -
 गरीब अनंत कोटि अवतार हैं, नौ चितवंत बुद्धि नाश।खालिक खेलै खलक में, छः ऋतु बारह मास ।।
आर्थत जिनको तत्वज्ञान नहीं है, वे केवल नौ अवतार मानते हैं और उसी कारण से उन्हें विष्णुके अवतार मानते हैं। हालांकि सब लीला कबीर हावी है। आपत्ति के समय राम, कृष्ण की सहायता कबीर भगवान जी ने गुप्त रूप से की थी। उनके साथ भी अवतार रूप में (मुनिन्द्र वकरुनमाय के रूप में) उपस्थित थे।
उसके अनंत करोड़पति हैं। दिन में सौ-सौ बार ऊपर अपने सतलोक में जाता है और सौ-सौ बार पुनः उतरकर आता है। (खालिक) परमात्मा तो (खल्क) संस्कारों छह: ऋतु बारह मास यानि सदा ही लीला करता है। पवित्र वेदों में भी यही प्रमाण है कि भगवान सब लोकों से ऊपर वाले लोक में रहते हैं। वहाँ से चलकर इस पृथ्वी के ऊपर आता है।
अच्छी आत्मा को मिलता है। 
तत्व ज्ञान बताता है। 
भक्ति की प्रेरणा देता है।
कवियों की तरह आचरणकरता है।
अपने प्रमुख कमल से वाणी (चौपा, दोहे, शब्द,) बोलकर यथार्थ अध्यात्म आत्मा को दर्शाता है।
भक्ति नामों का एक उच्चारण है। भक्ति करने वाले साधकों को तत्वज्ञान का उपदेश। 
 मुस्लिम विद्वानों का मानना ​​है कि अल-खंड (हमारे लिए कबीर जी नाम है) 
कई लोगों के बीच में उसके नरम हाथों से भिन्नाना जा सकत है। कुछ का मानना ​​है कि अल-खिद्र के हाथों में कीड़े नहीं हैं। सूफीमामों का मानना ​​है कि हम अपने जीवन काल में एक बार (अल-खंड) उसको अवश्य मिलते हैं। जब आप सफेद दाढी वाले आदमी से हाथ मिलाओ और उसके हाथों की हड्डी ना हो तो समझ जाना किवो अल-खिद। अल विशेष: - अल-खंडड़ को जिंदा पीर भी कहा जाता है। मुस्लिम देशों में अल-खिद की अनगिनत यादगारें मौजूद हैं। (सुलतान अधम वाला) में जन्मा था। बाद में कोणया शहर में (जो तुर्की देश का एक शहर है, वहां) स्थापित हो गया था। - अल-खिड़ को जिंदा पीर भी कहा जाता है। मुस्लिम देशों में अल-खिद्र की अनगिनत यादें मौजूद हैं।
"यह अल खिद्र ही असली प्रभु कबीर है"
  प्रभु, अल्लाह, रब, गोड एक वो अल्लाह का नाम कबीर है, यह जानने के लिए आप निम्नलिखित पुस्तकों का अध्ययन कर रहे हैं 
☄️ आध्यात्मिक अल्लाह पुस्तक ☄️
 कहा गया है कि मुस्लिम विद्वानों का मानना ​​है कि अल-खिड़ कई लोगों के बीच में उसके नरम हांथ से आशाना हो सकता है,  कुछ का मानना ​​है कि अल-खिड़ के हाथों में हड्डी सुखी नहीं है,
सूफ़ीमों का मानना ​​है कि हम 
अपने जीवन काल में एक बार (अल-खिद) उसको अवश्य मिलते हैं। जब आप सफेद दाढी वाले आदमी से हाथ मिलाओ और उसके हाथों की हड्डी ना हो तो समझ जाना कि वो अल-खिद है, 
 अल-खिद को जिंदा पीर भी कहा जाता है,  मुस्लिम देशों में अल-खिद की अनगिनत यादगारें मौजूद हैं। मत- म्: - रूमी {पूरा नाम मुहम्मद जलालुदीन (डन्नीउउंक.श्रांस.न.क्पद)} नाम का एक अस्तुरी के कोणया शहर की एक मस्जिद में बहुत बड़ा मौलवी था। (सुलतान अधम वाला) में जन्मा था। बाद में कोणया शहर में।
तुर्की देश का एक शहर है, वहाँ) स्थापित हो गया था। 7 अल-खिड़ (ही कबीर जिंदा पीर) के मिलने के पश्चात उसने दो पुस्तकों (मसनवी और दिवान-ए-कबीर) की रचना की है जिसमें अपने मुर्शिद (गुरू) समसतरबेज की महिमा है। इसमें अल-खि्रद का जिक्र है।
🌠 अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग जरूर सुने 
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पश्चिमी देशों में है अल खिद्र प्रभु रूप में रूमी नाम एक व्यक्ति को मिले और उनको तत्वज्ञान समझाया एक बार रूमी से किसी दूसरे राजा से युद्ध छिड़ जाता है और रूमी अल खिद्र प्रभु के दिए संकेत मंत्र से जीत जाता है रूमी की कविताएं अमेरिका यूरोप इंग्लैंड कुछ देशों में मिलती हैं।
रूमी al-khidr इमेज
मनुष्य जन्म अनमोल है मृत्यु के बाद यह है तय नहीं कि आपका जन्म फिर से मनुष्य ही प्राप्त ह़ो, कर्म के अनुसार ही जीव को जन्म मिलता है (लख चौरासी प्रकार की योनि में कुत्ते गधे बिल्ली सूअर चींटी हाथी घोड़े इत्यादि भी इस जीव को जन्म हो सकता है) इसलिए आप प्रभु को अल्लाह को पाने के लिए भक्ति अवश्य करें,
भक्ति के लिए ऑनलाइन मोबाइल से सुविधा दी गई है जिसकी लिंक नीचे दी जा रही है, इसमें अपना नाम पता शहर को सही ढंग से भरेंं, और नाम दीक्षा निशुल्क प्राप्त करें
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