नशे से मुक्ति पाने के लिए सतगुरु संत रामपाल जी का संदेश
नशे से मुक्ति पाने के सतगुरु रामपाल से मुक्ति पाने के लिए
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तंबाकू में बहुत से जहरीले पदार्थ ~
तंबाकू में निकोटिन समेत बहुत तरह के विषैले पदार्थ होते हैं। बीड़ी, सिगरेट, गुटखा के माध्यम से यह खून में फेफड़ों तक पहुंचता है और टार (कार्बनिक रसायन) बनकर उससे चिपक जाता है।
तंबाकू में कौन सा पदार्थ नशा करता है?
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निकोटीन नामक पदार्थ तम्बाकू में पाया जाने वाला एक मनोविकार जनक पदार्थ है, तम्बाकू नाइटशेड नामक पौधे से प्राप्त होता है, तम्बाकू के पत्तों को आमतौर पर सिगरेट, सिगार और पाइप में धूम्रपान किया जाता है, या सूँघने (नाक से सूँघने), डिप और चबाने वाले तम्बाकू में इस्तेमाल किया जाता है।
नोट ~ तंबाकू को कभी भी छूना नहीं चाहिए।
(तंबाकू को चबाने से पूरे विश्व में हर साल लाखों में लोग मरते हैं अनुमानित विकिपीडिया के अनुसार बहुत ही ज्यादा लोगों की मरने की संभावना रहती है)
🌸तंबाकू पदार्थ विष के समान मानी गई है
तंबाकू के सेवन से कई तरह की बीमारियां होती हैं, जिनमें से कुछ ये हैं
🌸 कोरोनरी हृदय रो
🌸 एथेरोस्क्लेरोटिक परिधीय संवहनी रोग
🌸 सेरेब्रोवास्कुलर रोग
🌸क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग (सीओपीडी)
🌸अंतर्गर्भाशयी विकास मंदता
🌸महिलाओं में फेफड़े और स्वरयंत्र कैंसर
🌸मौखिक कैंसर
🌸पेप्टिक अल्सर रोग
🌸स्ट्रोक
🌸भ्रूण की बीमारी
🌸मोतियाबिंद
🌸मधुमेह
🌸हृदय और गुर्दे की बीमारी
🌸अंधापन
🌸तंत्रिका क्षति।
विशेष ✓ तंबाकू पर बताया गया है। बाकी आप सभी नशे से सबंधित विचार विवरण पढ़ेंगे इस लेख में।
शराब, तंबाकू ,गटखा, भांग,चरस, अफीम, कोकीन, गांजा, इत्यादि।
( इन पदार्थों को त्यागने का एक ही उपाय है संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुने और पुस्तक पढ़ें )
Spiritual leader Sant Rampal Ji Maharaj
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तंबाकू सेवन कितना पाप है ? परमेश्वर कबीर जी ने अपनी वाणी के माध्यम से बोला है :~
संत गरीबदास जी के ग्रन्थ में ‘अथ तमाखू की बैंत’ नामक अध्याय में)
तम्बाकू खाने और हुक्का पीने वालों की स्थिति बताई है :-
निम्न वाणी पढ़िए जी 👇🏾👇🏾
गरीब, पान तमाखू चाबहीं, सांस नाक में देत। सो तो अकार्थ गए, ज्यों भड़भूजे का रेत।।
पित बाई खांसी निबासी निबास। कफ दल कलेजा लिया है गिरास।।
काला तमाखू अरू गोरा पिवाक। दस बीस लंगर जहाँ बैठे गुटाक।।
बाजे नै गुड़ गुड़ अरू हुक्के हजूम। कोरे कुबुद्धि बीसा हैं न सूम।।
बांकी पगड़ी अरू बांकी ही नै खुद डूबै अरू डुबोए है कै।गुटाकड़ अटाकड़ मटाकड़ लहूर। एक बेठैगा अड़कर एक बेठैगा दूर।।
पीवै तमाखू पड़ै कर्म मार। अमली के मुख में मुत्रा की धार।।
कड़वा ही कड़वा तू करता हमेश। कड़वा ही ले प्यारे कड़वा ही पेश।।
कामी क्रोधी तूं लोभी लबूट। बचन मान मेरा धूंमा न घूंट।।
हुक्का हरामी गुलामी गुलाम। धनी के सरे में न पहुँचे अलाम।।
पामर परम धाम जाते न कोई। झूठे अमल पर दई जान खोई।।
मुरदा मजावर हरामी हराम। पीवैं तमाखू सो इन्द्री के गुलाम।।
अज्ञान नींद न सो उठ जाग, पीवैं तमाखू गए फुटि भाग।।
भांग तमाखू पीवैं ही, सुरापान से हेत। गोसत मिट्टी खायकर जंगली बनैं प्रेत।।
भांग तमाखू पीवहीं, गोसत गला कबाब। मोर मृग कूं भखत हैं, देंगे कहां जवाब।।
भांग तमाखू पीवते, चिसम्यों नालि तमाम। साहिब तेरी साहिबी, जानें कहाँ गुलाम।।
भावार्थ:- उपरोक्त वाणियों का भावार्थ है कि मानव शरीर को आॅक्सीजन की आवश्यकता है। उसके स्थान पर तम्बाकू का धुँआ (कार्बनडाईआक्साइड) प्रवेश करता है तो उनको खाँसी रोग हो जाता है। पित्त तथा बाई (बाय) का रोग हो जाता है। हुक्का पीने वाले का बैठने का स्टाईल बताया है कि हुक्का पीने वाले एक-दो तो हुक्के के निकट बैठेंगे। एक कुछ दूरी पर बैठेगा और कहेगा कि सरकाइये थोड़ा-सा। दूसरे उसकी ओर हुक्का देंगे। फिर नै (नली जिससे धुआं खींचते हैं) गुरड़-गुरड़ बाजैगी।
आप तो हुक्का पीकर डूबे हैं और छोटे बच्चे भी उनको देखकर वही पाप करके नरक की काली धार में डूबेंगे, जो तम्बाकू पीते हैं, उनके तो भाग फूटे ही हैं। अन्य को तम्बाकू पीने के लिए उत्प्रेरक बनकर डुबोते हैं।
उपरोक्त बुराई करने वाले तो अपना जीवन ऐसे व्यर्थ कर जाते हैं जैसे भड़भूजा बालु रेत को आग से खूब गर्म करके चने भूनता है। फिर सारा कार्य करके रेत को गली में फैंक देता है। इसी प्रकार जो मानव उपरोक्त बुराई करता है, वह भी अपने मानव जीवन को इसी प्रकार व्यर्थ करके चला जाता है।
उस जीव को नरक तथा अन्य प्राणियों के जीवन रूपी गली में फैंक दिया जाता है।
जो व्यक्ति उपरोक्त पाप करते हैं, वे भगवान के दरबार में क्या जवाब देंगे यानि बोलने योग्य नहीं रहेंगे।
फिर कहा है कि गाय अपनी माता के तुल्य है जिसका सब धर्म-जाति वाले दूध-घी पीते-खाते हैं। इसलिए गाय को मत मारो। विषय तम्बाकू का चल रहा हैः-
भक्ति मार्ग में तम्बाकू सबसे अधिक बाधा करता है। जैसे अपने दोनों नाकों के मध्य में एक तीसरा रास्ता है जो छोटी सूई के नाके जितना है। जो तम्बाकू का धुँआ नाकों से छोड़ते हैं, वह उस रास्ते को बंद कर देता है। वही रास्ता ऊपर को त्रिकुटी की ओर जाता है जहाँ परमात्मा का निवास है। जिस रास्ते से हमने परमात्मा से मिलना है, उसी को तम्बाकू का धुँआ बंद कर देता है। हुक्का पीने वालों को देखा है, प्रतिदिन हुक्के की नै (नली) में लोहे की गज (एक पतला-सा सरिया) घुमाते हैं जिनमें से धुँए का जमा हुआ मैल निकलता है। वह नै रूक जाती है। मानव जीवन परमात्मा प्राप्ति के लिए ही मिला है।
परमात्मा को प्राप्त करने वाले मार्ग को तम्बाकू का धुँआ बंद कर देता है। इसलिए भी तम्बाकू भक्त के लिए महान शत्राु है।
वैसे भी हुक्का पीने वाले भी मानते हैं कि तम्बाकू अच्छी चीज नहीं है। जब कोई छोटा बच्चा अपने दादा-ताऊ, पिता-चाचा को हुक्का पीते देखता है तो वह भी नकल करता है।
हुक्के को पीने लगता है तो बड़े व्यक्ति जो स्वयं हुक्का पीते हैं, उस बच्चे को धमकाते हैं कि खबरदार! अगर हुक्का पीया तो। यह अच्छा नहीं है।
यदि आप जी इसे अच्छा पदार्थ मानते हैं तो बच्चों को भी पीने दो। आप मना करते हैं तो मानते हो कि यह अच्छा नहीं है, हानिकारक है। सर्दियों में एक मकान में छोटे बच्चे भी सो रहे होते हैं।
उसी में हुक्का पीने वाला हुक्का पी रहा होता है। वह स्वयं तो पाप कर ही रहा है, अपने परिवार को धुँआ पिलाकर पाप का भागी बना रहा है।
छोटे बेटा-बेटी को दादा-पिताजी अपने।
अल्कोहल शराब पीने के कारण शरीर के सारे अंग खराब कर देती है, इसलिए मनुष्य को शराब भी नहीं पीनी चाहिए।
शराब एक ऐसी दवा है जो आपके मस्तिष्क और शरीर के बीच संदेशों के संचरण को धीमा कर देती है। शराब से हैंगओवर जैसे अल्पकालिक प्रभाव के साथ-साथ दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यदि आप शराब पीते हैं, तो दुर्घटना और चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।
मेरी गुरु प्रणाली इस तरह से संत जुड़े हैं
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1 बंदी छोड़ कबीर साहेब जी महाराज काशी (उत्तर प्रदेश)
2 बंदी छोड़ गरीब दास जी महाराज
गांव~ छुड़ानी झज्जर (हरियाणा)
3 संत शीतल दास जी महाराज
गांव ~बरहाना (जिला रोहतक हरियाणा)
4 संतध्यान दास जी महाराज
5 संत रामदास जी महाराज
6 संत ब्रह्मानंद जी महाराज
गांव करौथा जिला रोहतक ( हरियाणा)
7 संत जुक्तानंद जी महाराज
8 संत गंगेश्वरा नंद जी महाराज
गांव बाजिदपुर (दिल्ली)
9 संत चितानंद जी महाराज
गांव~ गोपालपुर धाम सोनीपत (हरियाणा)
10 संत राम देवानंद जी महाराज
तलवंडी भाई, फिरोजपुर( पंजाब )
11 संत रामपाल जी महाराज गांव धनाना सोनीपत रोहतक ( हरियाणा)
मुसलमान भाई जो नशा करते हैं इस लेख अनुसार पर हमने आपको एक pdf पुस्तक दी है यह पुस्तक आप डाउनलोड करके जरूर पढ़ें
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" रमेश नामक व्यक्ति बिजनेस के घाटे में शराब पीने लगा और यह व्यक्ति एक अच्छा इंसान बन गया है " आप इस लेख में पढ़ेंगे इस भाई की जानकारी
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Adi God।
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Eid। Eid ul Adha
Ramzan
सभी धर्म के लिए एक ही नारा है
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