Kabir is God
Sant Rampal ji the great tatavdrsi god 🌎 read book Gyan Ganga
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पूर्ण गुरु की पहचान-आज कलयुग में भक्तों समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रों के अनुसार भक्ति कराता है और अपने अनुयायियों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है क्योंकि भक्ति मार्ग का संविधान धार्मिक शास्त्र जैसे कबीर साहेब की वाणी, गुरु नानक देव की वाणी, संत गरीबदास महाराज की वाणी, संत धर्मदास जी महाराज की वाणी, वेद गीता बाइबल कुरान पवित्र बाइबल आदि है जो भी संत शास्त्रों के अनुसार बताता है और भक्त समाज को मार्गदर्शन कराता है वह तो पूर्ण संत है अन्यथा वह वक्त समाज का घोर दुश्मन है जो शास्त्रों के विरुद्ध साधना करवा रहा है इस अनमोल मानव जन्म के साथ खिलवाड़ कर रहा है ऐसे गुरु या संत को भगवान के दरबार में और नरक में उल्टा लटकाया जाएगा
उदाहरण के तौर पर जैसे कोई अध्यापक पाठ्यक्रम के बाहर की शिक्षा देता है तो उन विद्यार्थियों का दुश्मन है
गीता अध्याय7 का श्लोक नंबर 15
माया के द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है ऐसे असुर स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्य में नीच दूषित कर्म करने वाले मूर्ख मुझको नहीं भेजते अर्थात वह तीनों गुणों( रजोगुण- ब्रह्मा सतोगुण -विष्णु तमोगुण -शिव )की साधना ही करते रहते हैं
श्रीमद भगवत गीता अध्याय नंबर 4 श्लोक नंबर 34
उत्तर- जिसको तत्वदर्शी संत मिल जाता है वह सर्व कपट भाव छोड़कर उसको दंडवत प्रणाम करता है फिर वह तत्वदर्शी संत उसको नाम दीक्षा देता है और सतलोक अविनाशी का मार्ग बताता है जहां से यह अविनाशी आत्मा आई
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय नंबर 15 श्लोक नंबर 1,4 में प्रमाण है कि एक पीपल का वृक्ष
जो पुरुष से इसे पीपल के वृक्ष के जड़ से लगाकर पत्ते तक सारे विभाग को एक-एक करके बता देता है वह तत्वदर्शी संत के रूप में पूर्ण परमात्मा होता है
Kabir is the real god all created Univers
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पूर्ण गुरु की पहचान-आज कलयुग में भक्तों समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रों के अनुसार भक्ति कराता है और अपने अनुयायियों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है क्योंकि भक्ति मार्ग का संविधान धार्मिक शास्त्र जैसे कबीर साहेब की वाणी, गुरु नानक देव की वाणी, संत गरीबदास महाराज की वाणी, संत धर्मदास जी महाराज की वाणी, वेद गीता बाइबल कुरान पवित्र बाइबल आदि है जो भी संत शास्त्रों के अनुसार बताता है और भक्त समाज को मार्गदर्शन कराता है वह तो पूर्ण संत है अन्यथा वह वक्त समाज का घोर दुश्मन है जो शास्त्रों के विरुद्ध साधना करवा रहा है इस अनमोल मानव जन्म के साथ खिलवाड़ कर रहा है ऐसे गुरु या संत को भगवान के दरबार में और नरक में उल्टा लटकाया जाएगा
उदाहरण के तौर पर जैसे कोई अध्यापक पाठ्यक्रम के बाहर की शिक्षा देता है तो उन विद्यार्थियों का दुश्मन है
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माया के द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है ऐसे असुर स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्य में नीच दूषित कर्म करने वाले मूर्ख मुझको नहीं भेजते अर्थात वह तीनों गुणों( रजोगुण- ब्रह्मा सतोगुण -विष्णु तमोगुण -शिव )की साधना ही करते रहते हैं
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उत्तर- जिसको तत्वदर्शी संत मिल जाता है वह सर्व कपट भाव छोड़कर उसको दंडवत प्रणाम करता है फिर वह तत्वदर्शी संत उसको नाम दीक्षा देता है और सतलोक अविनाशी का मार्ग बताता है जहां से यह अविनाशी आत्मा आई
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय नंबर 15 श्लोक नंबर 1,4 में प्रमाण है कि एक पीपल का वृक्ष
जो पुरुष से इसे पीपल के वृक्ष के जड़ से लगाकर पत्ते तक सारे विभाग को एक-एक करके बता देता है वह तत्वदर्शी संत के रूप में पूर्ण परमात्मा होता है
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