Radha Soami Exposed

"राधास्वामी पंथ की जानकारी"
राधास्वामी पंथ शहर आगरा पन्नी गली निवासी श्री शिवदयाल सिंह जी से चला है राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक श्री शिवदयाल जी का कोई गुरु जी नहीं था।
पुस्तक:- " जीवन चरित्र स्वामी जी महाराज के पृष्ठ 28 पर
       कबीर :-   गुरु बिन वेद पढ़े जो प्राणी समझे न सार रहे अज्ञानी।
  गुरु बिन काहू न पाया ग्याना जो थोथा भुष चढ़े मूड 
किसाना।।

  

                           "जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी"


 Focus light➡️शिव दयाल सिंह जी ने 17 वर्ष एक कोठरी में बैठकर हठयोग किया जो भी किसी संत के साधना से मेल नहीं खाता है,
उन्होंने सन 1861 में सत्संग करना प्रारंभ किया, सन 1856 बाबा जयमल सिंह ने श्री शिवदयाल जी से उपदेश लिया।
इससे सिद्ध होता है कि बाबा जयमल सिंह जी को श्री शिवदयाल सिंह जी (राधास्वामी) नाम दान किया , उस समय तक तो श्री शिवदयाल जी साधक थे पूरे संत नहीं हुए थे? अधूरे थे? क्योंकि श्री शिवदयाल जी ने साधना पूरी करके सन् 1861 सत्संग करना प्रारंभ किया उससे पूर्व तो यह अधूरे थे बाबा जयमल सिंह जी ने उपदेश 1856 में 5 वर्ष पूर्व एक साधक से उपदेश ले लिया जो अभी ट्रेनिंग भी पूरी नहीं कर रहा पाया था। 
 कबीर परमेश्वर कहते है  
झूठे गुरुवा काल के दूत हैं देवें नरक ढकेल।
 काच्ची सरसों पेल कर खल हुआ न तेल ।।


   Exposed -   

  राधा स्वामी :-    


   शिव दयाल सिंह की शाखाएं  


  1-श्री जयमल सिंह

 (डेरा व्यास) 

  2- जय गुरुदेव बाबा

 (मथुरा से)

  3 - ताराचंद

 (भिवानी से)


   इनसे आगे चलने वाली शाखाएं निम्न है :-


1- श्री शिव दयाल जी ➡️जयमल सिंह (डेरा ब्यास) ➡️सावन सिंह ➡️श्री जगत सिंह।😊 2 - श्री शिव दयाल जी (राधा स्वामी )➡️जय गुरुदेव पंथ मथुरा में।😊 3 - श्री शिव दयाल जी (राधा स्वामी) ➡️ श्री ताराचंद जी( विनोद जी भिवानी )
4; श्री शिवदयाल जी (राधा स्वामी)➡️ जयमल सिंह (डेरा ब्यास )➡️श्री सावन सिंह ➡️श्री खेमा मल जी उर्फ शाह मस्ताना जी (डेरा सच्चा सौदा सिरसा )
5 - श्री शिव दयाल जी (राधा स्वामी )➡️श्री जयमल सिंह➡️  श्री सावन सिंह ➡️ श्री खेमा मल जी उर्फ शाह मस्ताना (डेरा सच्चा सौदा सिरसा) ➡️श्री सतनाम सिंह जी (सिरसा )
6- श्री शिवदयाल जी( राधास्वामी )➡️जयमल सिंह (डेरा व्यास )➡️श्री सावन सिंह➡️ श्री खेमा मल जी उर्फ शाह मस्ताना जी (डेरा सच्चा सौदा सिरसा)➡️ श्री मैनेजर साहब( गांव जगमालवाली में)
7- श्री शिव दयाल जी (राधास्वामी)➡️ जयमल सिंह( डेरा व्यास) ➡️ श्री सावन सिंह ➡️श्री कृपाल सिंह सावन (कृपाल मिशन दिल्ली)
8-  श्री शिवदयाल जी (राधा स्वामी)➡️ जयमल सिंह (डेरा व्यास )➡️श्री सावन सिंह➡️ श्री कृपाल सिंह (सावन कृपाल मिशन दिल्ली)  ➡️श्री ठाकुर सिंह जी
ने श्री जयमल सिंह जी से नाम दीक्षा प्राप्त की सन 1856 में /

(श्री शिव दयाल सिंह जी की मृत्यु सन 1878 में 60 वर्ष की आयु में हुई।)

श्री जयमल सिंह जी ने सेना में निवृत्त हुए सन 1889 अर्थात शिव दयाल जी की मृत्यु के 11 वर्ष पश्चात सेना में भर्ती हुए 1889 व्यास नदी के किनारे डेरे की स्थापना करके स्वयंभू संत बनकर नाम दीक्षा देने लगे थे।
यदि कोई कहे कि शिवदयाल सिंह जी ने बाबा जयमल सिंह को नाम दान करने का आदेश दिया था यह उचित नहीं है क्योंकि यदि नाम दान देने का आदेश दिया होता तो श्री जयमल सिंह जी पहले से ही नाम दान प्रारंभ कर देते यहां पर यह भी याद रखना अनिवार्य है कि श्री शिवदयाल जी के कोई गुरु नहीं थे श्री जयमल सिंह जी डेरा ब्यास में जिस समय दीक्षा प्राप्त की सन 1856 में उस समय से शिव दयाल  सिंह जी साधना ( प्रैक्टिस ,प्रैक्टिकल) करते थे।

 Exposed :- 

श्री शिवदयाल जी  संत सन् 1861 से बने उन्होंने तब सत्संग प्रारंभ किया था।

दोस्तों ,भाइयों और बहनों अत्यधिक जानकारी के लिए आपको पुस्तक डाउनलोड करने के लिंक दे रहे हैं इस पुस्तक का नाम है





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Comments

  1. राधा स्वामी पंथ वाले बताते हैं कि परमात्मा निराकार है लेकिन गुरु नानक जी तथा अन्य महापुरुषों ने परमात्मा के साक्षात दर्शन किए हैं वेदो तथा गुरु ग्रंथ साहिब में अनेकों जगह प्रमाण है कि परमात्मा साकार है उनका नाम कबीर साहेब जी है।
    सुने सत्संग साधनाTV7.30PMसे।

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  2. इन राधा स्वामी पंथ वाले तो पट्टा बैठाकर रख दिया है अज्ञान का

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  3. This comment has been removed by the author.

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  4. परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।चाहे जिस भी धर्म के सद्ग्रन्थ में देख लो, सभी धर्मग्रन्थ कबीर जी को ही परमात्मा बताते हैं।

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