Drugs free people
" कबीर प्रभु अवतार संत रामपाल जी " 🙏🙇
भांग तंबाकू खाई कर सुरापान से हेत।
ते नर नरके जाएंगे माता-पिता समेत।।
कबीर प्रभु वाणी के द्वारा संसार के समस्त मानव को कहना चाहते हैं कि जो मनुष्य भांग, तंबाकू, शराब, अफीम, चरस ,गांजा, इन सभी मादक पदार्थों का सेवन करते हैं वह लोग अवश्य नरक के भागी होते हैं ,
पिता-पुत्र -माता- पुत्री यह आदेश सभी के लिए है ,कृपया वाणी पर विचार करके जो भी लोग इन हानिकारक पदार्थों का प्रयोग करते हैं ,कृपया बंद करके आपने इस कोमल शरीर को सुरक्षित करें और पाप से बचे ,
"पाप और पुण्य दो कर्म अनुसार मनुष्य प्राणी संसार का हर पहलू पर टिका हुआ है"
👨👩👦👇👇👇
"कृपया सभी संसार के मानव से निवेदन है कि तत्वदर्शी संत सतगुरु के नियम अनुसार ही चलें और भक्ति करके उस प्रभु को प्राप्त करें जहां से यह आत्मा आई, वह अजर अमर लोक "सतलोक कहा गया है"।
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"कबीर प्रभु अवतार संत रामपाल जी " 🙏🙇
कल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में प्रलय होएगी, बहुरि करोगे कब।।
दोस्तों इस कबीर जी वाणी से यह प्रतीत होता है कि जो संसार में कार्य आप कर रहे हैं उससे सिर्फ धन की प्राप्ति और मानव जीवन का कल्याण शरीर का पालन पोषण ही होता है, लेकिन जिस लिए संसार में आप आए हैं वह मूलधन "भक्ति "है और भक्ति" को करना अति आवश्यक है इसलिए जो कार्य आप कल की सोच रहे हैं आप तुरंत ही कर लेते हैं अति उत्तम होता है ,"जैसे कि भक्त पहलाद" बचपन से ही भक्ति में रुचि रखकर भगवान विष्णु की भक्ति किया करता था और अंत समय में प्रभु कबीर जी ही भगवान विष्णु की रक्षा करने के लिए स्वयं अवतरित हुए नरसिंह रूप में और हिरण्यकश्यप का अंत किया,
यह परिणाम आपके सामने है,
भांग तंबाकू शराब अफीम चरस गांजा पीने वाले व्यक्तियों से अनुरोध है कि यह मादक पदार्थ ना यूज करें इससे आपको पाप लग रहा है,
दोस्तों अज्ञानता के कारण मनुष्य प्राणी मांस खाने लगा शराब पीने लगा तंबाकू खाने लगा सतयुग में प्राणी बहुत ही स्वच्छ प्रकार का वातावरण जीता था यह जितने भी पदार्थ हैं माधव पदार्थों का प्रयोग नहीं करता था जैसे से यूं बढ़ता गया समाज बढ़ता गया परिवर्तन होता चला जा रहा है लोग अज्ञानता के कारण मनमानी आचरण करने लगे जिसका प्रमाण गीता में दिया गया है जो पुरुष शास्त्र भी देख को त्याग कर मनमाना चरण करता है वह सुख और शांति को कभी प्राप्त नहीं होता गीता अध्याय 16 श्लोक नंबर 23 में प्रमाण है और इसके लिए अगले श्लोकों में प्रमाण दिया है कि ज्ञान हेतु जानने के लिए तत्वदर्शी संत महात्मा की शरण ग्रहण करो वह महात्मा आपको दिशा निर्देश देंगे
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" कबीर प्रभु अवतार संत रामपाल जी"
एक पापी एक पुन्य आया, एक है सूम दलेल रे ।बिना भजन यह काम ना आया वो जम की रेल रे।।
दोस्तों इस कबीर प्रभु की वाणी से यह प्रतीत होता है कि संसार में दो ही मनुष्य प्राणी कर्मानुसार जन्म लेते हैं एक "पापी और एक पुन्य " जिस मनुष्य प्राणी के पिछले कुछ जन्म संस्कार ठीक है ,वह ना तो शराब पीता है, न तंबाकू खाता है, न गांजा पीता है, कोई भी नशा नहीं करता यह मनुष्य पुण्य कर्म के अनुसार है ,
जब यह प्राणी परमात्मा की सत्य भक्ति पर लग जाता है तो उसके पुण्य दुगने होनेे लगते,
पुनः यह मनुष्य प्राणी तत्वदर्शी संत की शरण ग्रहण करता है ,फिर कर्मानुसार प्रभु को प्राप्त होता है ,📓 हमारे सभी ग्रंथ :- वेद और गीता बाइबल , कुरान शरीफ ,गुरु ग्रंथ साहिब धार्मिक ग्रंथ बताते हैं ,
**** दोस्तों सरकार नशे पर प्रतिबंध लगाकर लाखों कदम प्रतिवर्ष उठाती है, लेकिन मनुष्य प्राणी स्वभाव कर्मा अनुसार अपनी आदत नहीं छोड़ता है ,जिसका कारण यह है कि वह आध्यात्मिक तत्व ज्ञान से अपरिचित है"
**** आध्यात्मिक तत्व ज्ञान देने के लिए स्वयं परमेश्वर ही इस पृथ्वी लोक पर प्रकट होते हैं ,और वह संत होते हैं ,जो संसार में वाणी के द्वारा और लिखे हुए सद् ग्रंथ को समाज के सामने प्रकट करके ठीक-ठीक बताते हैं, जिसका समर्थन वेद करते हैं,
इसको "कबीर वाणी "कहते हैं,
जिसका प्रमाण वेद बताते हैं।
भक्ति करने के लिए किसी भी आडंबर की आवश्यकता नहीं होती है, भक्ति साधारण होती है, ना कोई कंठी नहीं होती है ,ना कोई माला , सिर्फ सतगुरु के उपदेश का पालन करना होता है, आइए जानते हैं, पुस्तक" ज्ञान गंगा " को पढ़कर जिससे आपका पूरा संदेह दूर हो जाए
ज्ञान गंगा पुस्तक हिंदी और इंग्लिश 2 पुस्तक की pdf फाइल की लिंक नीचे दी जा रही है।
👇👇🎤🎤
ज्ञान गंगा बुक हिंदी पीडीएफ
https://www.jagatgururampalji.org/gyan_ganga_hindi.pdf
"यह पुस्तक आपके जीवन में सुखमय प्राप्त करेगी और आपके 101 पीढ़ी तक प्रभु का ज्ञान होगा"
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English PDF Gyan Ganga
https://www.jagatgururampalji.org/gyan_ganga_english.pdf
Satguru tatvadarshi video 👇👇👇
भांग तंबाकू खाई कर सुरापान से हेत।
ते नर नरके जाएंगे माता-पिता समेत।।
कबीर प्रभु वाणी के द्वारा संसार के समस्त मानव को कहना चाहते हैं कि जो मनुष्य भांग, तंबाकू, शराब, अफीम, चरस ,गांजा, इन सभी मादक पदार्थों का सेवन करते हैं वह लोग अवश्य नरक के भागी होते हैं ,
पिता-पुत्र -माता- पुत्री यह आदेश सभी के लिए है ,कृपया वाणी पर विचार करके जो भी लोग इन हानिकारक पदार्थों का प्रयोग करते हैं ,कृपया बंद करके आपने इस कोमल शरीर को सुरक्षित करें और पाप से बचे ,
"पाप और पुण्य दो कर्म अनुसार मनुष्य प्राणी संसार का हर पहलू पर टिका हुआ है"
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"कृपया सभी संसार के मानव से निवेदन है कि तत्वदर्शी संत सतगुरु के नियम अनुसार ही चलें और भक्ति करके उस प्रभु को प्राप्त करें जहां से यह आत्मा आई, वह अजर अमर लोक "सतलोक कहा गया है"।
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"कबीर प्रभु अवतार संत रामपाल जी " 🙏🙇
कल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
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दोस्तों इस कबीर जी वाणी से यह प्रतीत होता है कि जो संसार में कार्य आप कर रहे हैं उससे सिर्फ धन की प्राप्ति और मानव जीवन का कल्याण शरीर का पालन पोषण ही होता है, लेकिन जिस लिए संसार में आप आए हैं वह मूलधन "भक्ति "है और भक्ति" को करना अति आवश्यक है इसलिए जो कार्य आप कल की सोच रहे हैं आप तुरंत ही कर लेते हैं अति उत्तम होता है ,"जैसे कि भक्त पहलाद" बचपन से ही भक्ति में रुचि रखकर भगवान विष्णु की भक्ति किया करता था और अंत समय में प्रभु कबीर जी ही भगवान विष्णु की रक्षा करने के लिए स्वयं अवतरित हुए नरसिंह रूप में और हिरण्यकश्यप का अंत किया,
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" कबीर प्रभु अवतार संत रामपाल जी"
एक पापी एक पुन्य आया, एक है सूम दलेल रे ।बिना भजन यह काम ना आया वो जम की रेल रे।।
दोस्तों इस कबीर प्रभु की वाणी से यह प्रतीत होता है कि संसार में दो ही मनुष्य प्राणी कर्मानुसार जन्म लेते हैं एक "पापी और एक पुन्य " जिस मनुष्य प्राणी के पिछले कुछ जन्म संस्कार ठीक है ,वह ना तो शराब पीता है, न तंबाकू खाता है, न गांजा पीता है, कोई भी नशा नहीं करता यह मनुष्य पुण्य कर्म के अनुसार है ,
जब यह प्राणी परमात्मा की सत्य भक्ति पर लग जाता है तो उसके पुण्य दुगने होनेे लगते,
पुनः यह मनुष्य प्राणी तत्वदर्शी संत की शरण ग्रहण करता है ,फिर कर्मानुसार प्रभु को प्राप्त होता है ,📓 हमारे सभी ग्रंथ :- वेद और गीता बाइबल , कुरान शरीफ ,गुरु ग्रंथ साहिब धार्मिक ग्रंथ बताते हैं ,
**** दोस्तों सरकार नशे पर प्रतिबंध लगाकर लाखों कदम प्रतिवर्ष उठाती है, लेकिन मनुष्य प्राणी स्वभाव कर्मा अनुसार अपनी आदत नहीं छोड़ता है ,जिसका कारण यह है कि वह आध्यात्मिक तत्व ज्ञान से अपरिचित है"
**** आध्यात्मिक तत्व ज्ञान देने के लिए स्वयं परमेश्वर ही इस पृथ्वी लोक पर प्रकट होते हैं ,और वह संत होते हैं ,जो संसार में वाणी के द्वारा और लिखे हुए सद् ग्रंथ को समाज के सामने प्रकट करके ठीक-ठीक बताते हैं, जिसका समर्थन वेद करते हैं,
इसको "कबीर वाणी "कहते हैं,
जिसका प्रमाण वेद बताते हैं।
भक्ति करने के लिए किसी भी आडंबर की आवश्यकता नहीं होती है, भक्ति साधारण होती है, ना कोई कंठी नहीं होती है ,ना कोई माला , सिर्फ सतगुरु के उपदेश का पालन करना होता है, आइए जानते हैं, पुस्तक" ज्ञान गंगा " को पढ़कर जिससे आपका पूरा संदेह दूर हो जाए
ज्ञान गंगा पुस्तक हिंदी और इंग्लिश 2 पुस्तक की pdf फाइल की लिंक नीचे दी जा रही है।
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ज्ञान गंगा बुक हिंदी पीडीएफ
https://www.jagatgururampalji.org/gyan_ganga_hindi.pdf
"यह पुस्तक आपके जीवन में सुखमय प्राप्त करेगी और आपके 101 पीढ़ी तक प्रभु का ज्ञान होगा"
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English PDF Gyan Ganga
https://www.jagatgururampalji.org/gyan_ganga_english.pdf
Satguru tatvadarshi video 👇👇👇
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