Way of living

 Sahib Kabir 
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिखित पुस्तक "जीने की राह" पढ़ने से मात्र सर्व दुख दूर हो जाते हैं,

मनुष्य का मूल कर्तव्य था कि पृथ्वी पर आना भक्ति करना  ही "जीने की राह" से समझें,
समझे कि मनुष्य के लिए भक्ति ही जरूरी है !यह जानने के लिए" जीने की राह " पुस्तक अवश्य पढ़ें, जो तत्वदर्शी संत के द्वारा लिखी गई है,
अब तक करोड़ों लोगों के द्वारा यह पुस्तक पढ़ी जा  चुकी है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग यह पुस्तक पढ़कर ज्ञान हो गया है , (सतगुरु रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा ले ली है और उनको भी लाभ हो रहे हैं )कि हमें किस तरह से जीना चाहिए इस पुस्तक के द्वारा मनुष्य के जो आचरण गंदे हैं, वह पढ़ने से ही शुद्ध होते हैं,

"अगर आप सच्चे मन से इस पुस्तक को 3 महीना पढ़ लेते हैं फिर आपको दुनिया में कोई सच्चाई से नहीं रोक पाएगा यह सच में बिल्कुल सही है"
 पुस्तक  की लिंक नीचे दी रही है, जिसे आप डाउनलोड करके जरुर पढ़ें।
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1- संत मिलन को चलिए तज माया अभिमान।
जो जो पग आगे रखे कोटि कोटि यज्ञ समान।।


2- कबीरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर ।
ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर।।

3- दुख में सुमिरन सब करे सुख में करे न कोय।
 जो सुख में सुमिरन करे तो दुख काहे का होय।।

सुख में सुमिरन नहीं किया दुख में किया था याद। कहेंं कबीर ता दास कि फिर कौन सुने फरियाद।।

ज्ञान हमने इतना बोला जितना बालू रेत।
 पांच तत्व के जीव को कोई ना आया हेत।।

दोस्तों कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा हैंं "कबीर साहेब" की वाणी को कहना बोलना और उस पर अमल करना एक परम कर्तव्य बनता है,
भारत से लगाकर पूरे विश्व में लाखों धर्म गुरु, ऋषि मुनि ,संत हुए लेकिन तत्व ज्ञान से अपरिचित रहे ,क्योंकि उनको तत्वदर्शी संत ना मिला ,
जिससे वह बिखर गए और प्रभु को प्राप्त नहीं कर पाए , क्योंकि जो उनकी
साधना थी वह शास्त्र अनुकूल नही थी, जब आप शास्त्र अनुकूल साधना करेंगे तो प्रभु के दर्शन अवश्य होंगे, जिसका प्रमाण वेद बाइबल कुरान गुरु ग्रंथ साहिब कबीर साहेब की वाणी में बताया गया है,
और यह शास्त्र ही
 प्रभु का संविधान हैंं।

आशा करते हैं  कि आप पुस्तक "जीने की राह" को डाउनलोड करके जरुर पढ़ेंगे और स्वयं भक्ति करेंगे, अपने परिवार को  भक्ति मार्ग पर लगाएंगे।

 "मैं प्रवीण कुमार"
सत साहिब 🙏🙏

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