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 " समाज को सही भक्ति दिशा देने के लिए कुछ शास्त्र प्रमाणित तथ्य दशहरा के विषय पर दिया गया है "
 दशहरा मनाने का मतलब यह है कि राम रावण का युद्ध के विषय में जानकारी और भक्ति से संबंधित कुछ खास उपलब्धियां क्या है जो संसार को दे रही हैं "
यह मार्मिक वाणी सभी काजी मुल्ला धर्म गुरुओं कथावाचक पंडित को आकर्षित करती है जिससे आप अनुभव कर सकते हैं
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कबीर जी ने कहा है :- 
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय।
ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय।।
 प्रेम"के बिना हम किसी को जीत नहीं सकते हैं क्योंकि अधीन होने से ही प्रभु प्राप्त होती है "
मनुष्य के अंदर प्रेम भाव होना चाहिए सभी जीवो को एक समान समझना चाहिए सभी जीवो पर अधिकार रखना चाहिए किसी भी जीव प्राणी की हत्या नहीं करनी चाहिए मनुष्य में सोए हुए देवत्व को जगाने के लिए तत्वदर्शी संत इस धरती पर आकर सत्य ज्ञान अमृत वचन बोलते हैं उसको गुरु स्वरूप परमात्मा समझे जिससे यह प्रेम भाव बने और आत्मा में शांति मिले गुरु के द्वारा देवी देवताओं के मंत्र जाप से काम क्रोध लोभ मोह अहंकार को त्याग देने से प्रभु प्राप्ति और प्रेम मिलता है,
रावण ने अहंकार बस माता सीता को श्रीलंका में वर्षों तक बैठा कर रखा कि रावण कि रावण कायर नहीं है और ताकतवर है इसलिए सीता को ले जाना है तो युद्ध करके ही ले जाए यह और अंत में  अहंकार वश ताकतवश होते हुए खुद राम द्वारा मारा गया।
रावण भी  भगवान शंकर की शक्ति प्राप्त किए था और वह बहुत शक्तिशाली था लेकिन भक्ति  रावण ने शंकर  की और उसकी भक्ति इतनी थी कि आज संसार में कोई नहीं कर सकता है, लेकिन अहंकार ने उसे ले डूबा क्योंकि प्रेम भाव के साथ में  अंहकार जुड़ा था।
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और प्रभु कहते हैं जहां पर अहंकार होता है वहां पर हम नहीं रहते हैं ।

आधीनी के पास है पूर्णब्रह्म दयाल।
 मान बड़ाई मारिए बे अदबी सिर काल।‌।

प्रभु उस व्यक्ति के पास रहते हैं जो मान बड़ाई छोड़ देता है और सतगुरु की शरण में आकर सत भक्ति करता है (क्योंकि तत्वदर्शी संत से नाम दीक्षा लेने के बाद उसको ज्ञान हो जाता है) कि समाज में किस तरह से हमें रहना चाहिए और कैसी पूजा साधना करनी चाहिए जिस प्रकार हमारे साथ रहे वेद बाइबल कुरान गुरु ग्रंथ गीता कहते हैं ‌।
"पूजा- साधना किस तरह से की जाती है ?
( टाइम टेबल साधना भक्ति फोटो

 देखकर सत्संग अमृत वचन जरूर सुने )
इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अमृत वचन अवश्य सुने जो भारत की निम्न टीवी चैनल पर प्रोग्राम आते हैं,
 उसकी सूची हम नीचे़ दे रहे हैं "

रावण अहंकार बस किस तरह सेे मृत्यु  पाया समाज किस तरह रावण को कहता हैैै।
नाम दीक्षा लेने वालें विश्व के व्यक्तियों के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करके पढ़ें, और गुरूजी का आदेश पालन करके भक्ति करें।


Naam Dixa link touch please
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गुरु बिन काहू न पाया ज्ञाना। 
  ज्यो थोथा भूस चढ़े मूड किसाना।।
जैसे एक किसान बैल को अपने खेत में जोतता है वह कितनी भी मर्जी आते, कितना समय से बैल को खेत में जुताई करे और बैल उसी खेतिहल अधीन होता है, क्योंकि बैल मनुष्य के अधीन है, और वह खुद बैल
 भक्ति के बिना खाली रह गया और उसी तरह कार्य कर रहा है,
 जिस तरह हम आप भगवान के बिना कुछ नहीं सकता सकते हैं,
कहते हैं भगवान के बिना वृक्ष का पत्ता भी नहीं हिलता  तो इस कहावत से यह लगता है कि प्रभु के बिना संसार का मानव कोई कुछ कार्य नहीं कर सकता।
क्यों""मनुष्य की पावर शक्ति को भगवान अपने वश में रखे हुए हैं और अपने हिसाब से कार्य करता है "
हम किस भगवान को पावर शक्तिमान जानें कौन सा भगवान सबसे बड़ा है जो सभी कार्य करने में सक्षम है किसी जीव की मारने की इजाजत नहीं देता है उस प्रभु की भक्ति करके मनुष्य सफल यात्रा करेंगे इसलिए अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करें।




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रावण क्या है? रावण की अंदर बुराई क्या व्यापी थी?
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राम - रावण केे युद्ध से यह संदेश मिलता है कि उन्होंनेे अपने अपने अपने मर्यादाओं को त्यागा नहीं अगर वह हो भगवान के प्रति अधीन होतेे तो करोड़ों और लोगों की हत्या
  इतनी मृत्यु नहींं होती।
प्रभु अल्लाह खुदा रब प्राप्त करने के लिए जाति बंधन धर्म नहीं देखना चाहिए "
धन्यवाद।।



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